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Showing posts from July, 2011

मिड़े मील में हेराफेरी का खेल

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खेरागढ़ में मिड़े मील में हेराफेरी का खेल चल रहा है मीडिया के बताने पर अधिकारी एक दुसरे का मामला  बता कर अपनी जिमेदारी के बच रहे है  आप अपनी राय जरुल दीजिये 

वसीयत बनी डबल मर्डर और खुदकुशी की वजह

वसीयत बनी डबल मर्डर और खुदकुशी की वजह खेरागढ़ के गांव डांडा में बुधवार रात दो लोगों की हत्या व एक आत्महत्या के पीछे वसीयत थी। 15 बीघा जमीन के बंटवारे को लेकर 15 साल से चल रही लड़ाई ने बुधवार को खूनी रूप ले लिया था। गुरुवार को पिता-पुत्र का खेरागढ़ में व हत्यारे शिक्षक का अंतिम संस्कार पैतृक गांव मलपुरा के बरारा में किया गया। डांडा गांव निवासी बाबूलाल के तीन पुत्र शिवनारायण, महेंद्र व ओम प्रकाश थे। शिव नारायण के एक बेटा नथौली, ओम प्रकाश के दो बेटे पदम सिंह, लोकेंद्र जबकि महेंद्र सिंह के एक बेटी यादो देवी थी। बताया जाता है बाबूलाल ने करीब 45 बीघा जमीन का बैनामा दोनों नाती के नाम कर दिया था। वहीं महेंद्र सिंह की बेटी के हिस्से में कुछ नहीं आया। इसके बाद बाबूलाल ने दूसरे गांव की जमीन की वसीयत शिव नारायण व ओम प्रकाश की पत्नियों के नाम कर दी, जिसे लेकर दोनों भाइयों से महेंद्र सिंह के परिवार की रार चल रही थी। महेंद्र के दामाद एवं शिक्षक लक्ष्मी नारायण ने अपनी पत्‍‌नी यादो देवी के हक के लिए 15 साल पहले न्यायालय में वाद दायर कर दिया। शिव नारायण पक्ष का कहना है चार महीने पहले लक्ष्मी नारायण केस

खेरागढ़ में बाप-बेटे की हत्या कर खुद को गोली से उड़ाया

खेरागढ़ में बाप-बेटे की हत्या कर खुद को गोली से उड़ाया खेरागढ़ के गांव डांडा में बुधवार को बीस बीघा जमीन के विवाद में शिक्षक ने अपने चचिया ससुर और उसके पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद अपनी कनपटी पर गोली मारकर काम तमाम कर लिया। फायरिंग में एक ग्रामीण व बालिका भी घायल हो गई। घटना के बाद तनाव के मद्देनजर फोर्स तैनात कर दी गई है। घटना शाम लगभग सात बजे की है। जूनियर स्कूल में शिक्षक 58 वर्षीय लक्ष्मी नारायण शर्मा गांव में केवल शर्मा के घर के सामने खोखे पर बैठे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उसी समय उनके चचिया ससुर शिवनरायन का पुत्र नथौली उधर से निकला। उसने लक्ष्मी नारायण के लाठी मार दी, वहां मौजूद ग्रामीणों के टोकने पर भी नथौली नहीं माना। दोनों की आपस में रिश्तेदारी होने के कारण ग्रामीण चुप हो गए। इसी दौरान लक्ष्मी नारायण ने अपनी जेब में रखा तमंचा निकालकर नथौली पर ताबड़तोड़ दो गोलियां दाग दीं, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। बताया जाता है घटना की जानकारी होने पर नथौली के पिता शिवनरायन ने मौके पर दौड़ लगा दी। लक्ष्मी नारायण ने सामना होते ही शिवनारायण की भी ताबड़तोड़ फायरिंग करके